भाजपा में अतिक्रमण को रोकने के लिए क्रेडिट लेने की लगी होड़!
- By Vinod --
- Tuesday, 25 Jun, 2024

There is a competition in BJP to take credit for stopping encroachment!
There is a competition in BJP to take credit for stopping encroachment!- चंडीगढ़। प्रशासन द्वारा सेेक्टर 53 की फर्नीचर मार्केट सहित धार्मिक स्थलों को तोडऩे के संबध में भेजे गए गए नोटिस के बाद अब शहर मंे अतिक्रमण को रोकने के लिए भाजपा में क्रेडिट लेने की होड़ लग गई है। अब उपायुक्त की ओर से 28 जून को सेक्टर 53 स्थित फर्नीचर मार्केट के दुकानदारों को अपने व्यक्तिगत विवरण के साथ दो दिन में अपना जवाब देने को कहा है।
इस संबंध में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अरूण सूद के नेतृत्व में सोमवार को एक शिष्टमंडल ने इस तोडफ़ोड़ को शीघ्र रोकने का आग्रह किया था, जिस पर प्रशासक की ओर से कार्यवाही को रोके जाने का आश्वासन दिया था। मंगलवार को चंडीगढ़ के भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा और संगठन मंत्री श्रीनिवासुलु के नेतृत्व में एक शिष्ष्टमंडल ने प्रशासक से मुलाकात कर शहर में तोड़-फोड़ को रोकने का आग्रह किया। यहां सवाल पैदा होता है कि पार्टी के भीतर शहर में तोड़-फोड़ को रोकने के लिए भी इस तरह की होड़ लग गई है।
भाजपा के अध्यक्ष मल्होत्रा को राज्यपाल नेे सभी मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन दिया, साथ ही कहा कि इस संबंध में कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा। इस संबंध में पार्टी अध्यक्ष मल्होत्रा ने राज्यपाल को बताया कि यूटी प्रशासन ने पिछले दिनों सैकड़ों अवैध धार्मिक स्थलों को नोटिस जारी कर कहा था कि वे अतिक्रमण हटा लें या अधिकारी ऐसा करेंगे। इसके अलावा, प्रशासन ने फर्नीचर मार्केट के दुकान मालिकों को भी ध्वस्त करने का नोटिस जारी किया गया है।
मल्होत्रा ने कहा कि राज्यपाल ने हमारी बात ध्यान से सुनी और कहा कि इन सभी लोगों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। इस संबंध में उचित नीति बनाई जाएगी, तब तक इन्हें नहीं तोड़ा जाएगा। हमने उन्हें बताया कि इन पूजा स्थलों से लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं, क्योंकि ये बहुत पुराने हैं। दूसरा, फर्नीचर की दुकानें भी लंबे समय से वहां हैं।
उधर, सूद के नेतृत्व में ही शिष्टमंडल ने जिलाधीश से इस मामले को लेकर मुलाकात की। मार्केट के 116 शोरूम मालिकों का प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त, अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की एक मीटिंग में मिला। बीते दिन पूर्व भाजपा नगर अध्यक्ष और पूर्व मेयर अरुण सूद ने कल प्रशासक से मुलाकात की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया और ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की मांग की।
प्रशासक ने सहमति जताई और सूद को आगे की प्रशासनिक कार्रवाई के संबंध में डिप्टी कमिश्नर से मिलने के लिए कहा था। सूद के नेतृत्व में आज प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ उप महापौर कुलजीत संधू, भाजपा शहरी उपाध्यक्ष देविंदर बबला, मनोनीत पार्षद सतिंदर सिद्धू व डॉ. मोहिंदर कौर, पार्षद बिल्लू कजहेड़ी, पूर्व भाजपा महासचिव चंद्रशेखर, सचिव तजिंदर सिंह सरां, हरभजन सिंह चेयरमैन कजहेड़ी, गुरदीप सिंह पूर्व सरपंच, संजीव भंडारी अध्यक्ष फर्नीचर मार्केट एसोसिएशन, राम सिंह, संजय अग्रवाल भी शामिल थे।
बैठक में प्रशासन द्वारा इस बात पर सहमति बनी कि 28 जून के तोडफ़ोड़ नोटिस के संबंध में जिन व्यक्तिगत मालिकों को नोटिस प्राप्त हुए हैं, वे आज से दो दिन के भीतर अपने कब्जे वाले क्षेत्र का विवरण देते हुए जवाब दाखिल करेंगे तथा प्रशासन किराए की गणना करेगा तथा मार्केट के लिए पुनर्वास नीति आने तक उपयोग किए जा रहे क्षेत्र के लिए उनसे किराया वसूला जाएगा। जो मालिक नोटिस का जवाब नहीं देंगे, केवल उन्हीं परिसरों को ध्वस्त करने पर विचार किया जाएगा।
मार्बल मार्केट की तर्ज हो फर्नीचर मार्केट का पुनर्वास
सूद ने डिप्टी कमिश्नर से कहा कि मार्बल मार्केट की तर्ज पर शहर में फर्नीचर मार्केट के पुनर्वास के लिए बल्क मार्केट का प्रस्ताव बनाया जाना चाहिए। सूद ने हजारों लोगों को तोडफ़ोड़ की कार्रवाई से बचाने के लिए प्रशासक का धन्यवाद किया।
फर्नीचर मार्किट को लेकर प्रशासन के ये आदेश पढ़ें
सेक्टर-53 स्थित फर्नीचर मार्केट का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त विनय प्रताप सिंह से उनके कार्यालय में मिला। उपायुक्त ने उनके मुद्दों को सुना और उन्हें 28 जून से पहले भूमि अधिग्रहण अधिकारी को अपने व्यक्तिगत जवाब दाखिल करने के लिए कहा, अन्यथा विध्वंस की कार्रवाई एक पक्षीय रूप से की जाएगी। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें आगामी थोक सामग्री बाजार में खुली नीलामी पर दुकानें खरीदने का अवसर देने का अनुरोध किया और नीलामी आयोजित होने तक, प्रशासन द्वारा मूल्यांकन के अनुसार, उनके द्वारा अतिक्रमण किए गए क्षेत्र का किराया देने की पेशकश की। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि यह सरकार द्वारा अधिग्रहीत भूमि है, प्रशासन ग्राम बडहेड़ी में इस भूमि का पूर्ण मालिक है और फर्नीचर मार्केट सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की प्रकृति का है। उपायुक्त ने यह भी पुष्टि की कि उनके व्यक्तिगत उत्तरों की योग्यता के आधार पर जांच की जाएगी और कानूनी स्थिति पर विचार करने के बाद प्रशासन द्वारा निर्णय लिया जाएगा। उपायुक्त ने आगे घोषणा की कि यह बैठक केवल इस मुद्दे पर उनके विचारों को समझने के लिए की जा रही है और पुनर्वास या किराया वसूलने के संबंध में कोई भी निर्णय तब तक नहीं लिया जा सकता जब तक कि उनके व्यक्तिगत जवाब प्रशासन द्वारा प्राप्त नहीं हो जाते और नियमों, तथ्यों के अनुसार विधिवत जांच नहीं की जाती। मामले और कानूनी स्थिति की. बैठक में एलएओ, एसडीएम साउथ और एसडीपीओ साउथ शामिल हुए।